आदित्य एल - 1 लक्ष्य की ओर बढ़ा
पृथ्वी की कक्षा बदलने की चौथी और आखिरी प्रक्रिया मंगलवार सुबह सफलतापूर्वक पार करने के बाद आदित्य एल - 1 ने अब लक्ष्य की ओर बढ़ना शुरू कर दिया है। इसरो के मुताबिक आदित्य एल - 1 की लैंग्रेजियन बिंदु के आसपास के निर्धारित क्षेत्र में पहुंचने में लगभग 110 दिन लगेंगे। लैंग्रेजियन बिंदु पर सूर्य और पृथ्वी के बीच गुरुत्वाकर्षण बल संतुलित होता है। जिससे किसी उपग्रह को इस बिंदु पर रोकना में आसानी होती है।
इसरो के मुताबिक अंतरिक्ष यान अब एक प्रक्षेप पथ पर है जो उसे सूर्य पृथ्वी एल - 1 बिंदु पर ले जाएगा।
इसरो ने कहा कि यह लगातार पांचवीं बार है जब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने किसी वस्तु को अंतरिक्ष में किसी अन्य खगोलीय पिंड या स्थान की तरफ सफलतापूर्वक स्थानांतरित किया है। 'आदित्य एल - 1' भारत की पहली अंतरिक्ष आधारित वेधशाला है, जो पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर स्थित पहले सूर्य पृथ्वी लैंग्रेजियन बिंदु में रहकर सूरज के बाहरी वातावरण का अध्ययन करेगी।
वैज्ञानिकों के अनुसार पृथ्वी सूर्य के बीच पांच लैंग्रेजियन बिंदु है जहां पहुंचने पर कोई वस्तु वहीं रुक जाती है। लैंग्रेजियन बिंदुओं का नाम इतालवी फ्रांसीसी गणितज्ञ जोसेफ लुई लैग्रेज के नाम पर रखा गया है। अंतरिक्ष यान इन बिंदुओं का इस्तेमाल अंतरिक्ष में कम ईंधन खपत के साथ लंबे समय तक रहने के लिए कर सकते हैं।
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