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Tuesday, October 17, 2023

पहली बार दिखाई दी थाईलैंड में नीले रंग की मकड़ी

 पहली बार दिखाई दी थाईलैंड में नीले रंग की मकड़ी


हम आपकों बता रहे हैं कि दुनिया में पहली बार मिली नीले रंग की टैरेंटुला मकड़ी। इस मकड़ी को थाईलैंड के मैन्ग्रूव जंगलों में खोजा गया है। इस आमलोग थाईलैंड में इलेक्ट्रिक ब्लू टैरेंटुला कहते हैं। इसके पहले इस प्रजाति की टैरेंटुला को देखा नहीं गया था। थाईलैंड में पिछले साल पहली टैरेंटुला मकड़ी मिली थी। वह बांस के जंगलों में मिली थी। इसके बाद मकड़ियों के जानकार नरिन चोंफूफुआंग और उनकी टीम और मकड़ियों की तलाश में निकल गए। सालभर की खोज के बाद उन्हें थाईलैंड के मैन्ग्रूव जंगलों में नीले टैरेंटुला की ये नई प्रजाति मिली। जो एकदम हैरान कर देती है। 

ये मकड़ियां खोखले पेड़ों या पेड़ों पर बने खोखले गड्ढों या बिलों में रहती हैं। इन्हें आसानी से देखा नहीं जा सकता। खासतौर से ह्यूमिड और फिसलने वाली जगहों पर रहती हैं। सबसे ज्यादा हैरान करता है इन मकड़ियों का रंग। क्योंकि नीला रंग दुर्लभ होता है। नीले रंग के फूल भी कम दिखते हैं। पक्षियों, मछलियों और कीड़ों में नीला रंग दिखता है। मकड़ी पहली बार नीले रंग की दिखाई दी है। कुछ टैरेंटुला मकड़ियों में हल्का नी ला रंग दिखता है लेकिन इस मकड़ी की तरह पूरा नीला नहीं। असल में इस मकड़ी के शरीर पर नैनोस्कोपिक ढांचे होते हैं, जिन पर रोशनी पड़ते ही वे नीले या वायलेट रंग के दिखने लगते हैं। लेकिन ये अब तक पता नहीं चल पाया है कि ये नीला रंग आता कहां है । 

नीले रंग के आने की केमिस्ट्री या बायोलॉजी पता नहीं चल रही है। लेकिन एक बात हैरान करती है। जब नर मकड़ी को मादा के साथ संबंध बनाना होता है, तब ये अपने नीले पैर उठाकर इशारे करता है। साथ ही दुश्मन मकड़ी के साथ भी इसी हरकत से उसकी सक्रियता का पता चलता है। यानी यह रंगों के जरिए एक दूसरे से बातचीत करते हैं।

Wednesday, September 27, 2023

आदित्य एल - 1 लक्ष्य की ओर बढ़ा

 आदित्य एल - 1 लक्ष्य की ओर बढ़ा


पृथ्वी की कक्षा बदलने की चौथी और आखिरी प्रक्रिया मंगलवार सुबह सफलतापूर्वक पार करने के बाद आदित्य एल - 1 ने अब लक्ष्य की ओर बढ़ना शुरू कर दिया है। इसरो के मुताबिक आदित्य एल - 1 की लैंग्रेजियन बिंदु के आसपास के निर्धारित क्षेत्र में पहुंचने में लगभग 110 दिन लगेंगे। लैंग्रेजियन बिंदु पर सूर्य और पृथ्वी के बीच गुरुत्वाकर्षण बल संतुलित होता है। जिससे किसी उपग्रह को इस बिंदु पर रोकना में आसानी होती है। 

इसरो के मुताबिक अंतरिक्ष यान अब एक प्रक्षेप पथ पर है जो उसे सूर्य पृथ्वी एल - 1 बिंदु पर ले जाएगा।

इसरो ने कहा कि यह लगातार पांचवीं बार है जब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने किसी वस्तु को अंतरिक्ष में किसी अन्य खगोलीय पिंड या स्थान की तरफ सफलतापूर्वक स्थानांतरित किया है। 'आदित्य एल - 1' भारत की पहली अंतरिक्ष आधारित वेधशाला है, जो पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर स्थित पहले सूर्य पृथ्वी लैंग्रेजियन बिंदु में रहकर सूरज के बाहरी वातावरण का अध्ययन करेगी।




क्या है लैंग्रेजियन बिंदु

वैज्ञानिकों के अनुसार पृथ्वी सूर्य के बीच पांच लैंग्रेजियन बिंदु है जहां पहुंचने पर कोई वस्तु वहीं रुक जाती है। लैंग्रेजियन बिंदुओं का नाम इतालवी फ्रांसीसी गणितज्ञ जोसेफ लुई लैग्रेज के नाम पर रखा गया है। अंतरिक्ष यान इन बिंदुओं का इस्तेमाल अंतरिक्ष में कम ईंधन खपत के साथ लंबे समय तक रहने के लिए कर सकते हैं।



Monday, September 25, 2023

भारत कनाडा के बीच रिश्तों में तकरार

 भारत कनाडा के बीच रिश्तों में तकरार


पिछले करीब 100 सालों से कनाडा से भारतीयों का अटूट संबंध रहा है| 19वीं सदी के शुरू में भारतीयों का वहां जाना और बसना शुरू हुआ | अब बड़े पैमाने पर भारतीय छात्र वहां पढ़ने और देश के लोग नौकरियां करने जाते हैं | दोनों देशों के खराब होते संबंधों का असर किन बातों पर पड़ सकता है |


भारत ने 21 सितंबर को कनाडा के नागरिकों का भारत के लिए वीसा कैंसिल कर दिया है | फिलहाल ये सेवाएं स्थगित रहेंगी | भारत और कनाडा के बीच बिगड़ते संबंधों के बीच ये कदम दोनों देशों के तनावग्रस्त होते संबंधों के बारे में साफ साफ बता रहा है | इससे पहले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने साफतौर पर भारत को उसके नागरिक और सिख अलगाववादी निज्जर की हत्या के लिए आरोपी बताया है | दोनों देशों के संबंध पिछले कुछ समय से लगातार तनावपूर्ण तो रहे हैं लेकिन ये अब चरम पर पहुंच गए लगते हैं | ऐसे में कई बा तें हैं जिनका असर साफतौर पर पड़ता हुआ दीख रहा है |



Friday, September 22, 2023

शिक्षकों का व्यवहार छात्रों को बनाता है कामयाब

 शिक्षकों का व्यवहार छात्रों को बनाता है कामयाब


शिक्षकों का विद्यार्थियों के साथ दोस्ताना या अपनेपन का व्यवहार उन्हें कामयाब बनाने में सहायक है इससे छात्र परीक्षा में अच्छा रिजल्ट हासिल करते हैं और उनके असफल होने की आशंका बेहद कम हो जाती है| एक अध्ययन में पाया गया चुनौतियां के अनुसार खुद को ढाल  लेने वाले छात्रों के शैक्षणिक परिणाम सकारात्मक होते हैं|



इनमे अपने काम के साथ अधिक प्रयास करना बेहतर अध्ययन कौशल रखना और ऐसा न करने वाले छात्रों की तुलना में स्कूल का अधिक आनंद लेना शामिल है| यह सब तभी संभव हो सकता है जब शिक्षकों का अपने छात्रों के प्रति मित्रवत व्यवहार होता है|



Thursday, August 31, 2023

केंद्र सरकार ने दिया आम जनता को रक्षाबंधन का तोहफा: गैस सिलेंडरों की कीमतों में ₹200 की कमी

 Breaking News

केंद्र सरकार ने दिया आम जनता को रक्षाबंधन का तोहफा: गैस सिलेंडरों की कीमतों में ₹200 की कमी


केंद्र सरकार ने रक्षाबंधन के मौके पर रसोई गैस उपभोक्ताओं को तोहफा दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में आम लोगों को महंगाई से राहत देते हुए घरेलू गैस सिलेंडर के दाम ₹200 कम करने की घोषणा की गई। सरकार की ओर से जारी बयान के अनुसार फैसले से देश भर में करोड़ों उपभोक्ताओं को फायदा मिलेगा। पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि रसोई गैस के दाम में कटौती का उद्देश्य आम लोगों को राहत देना है। इस निर्णय के बाद उम्मीद की जा रही है कि त्योहारों पर सरकार पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भी कटौती कर सकती है।

उज्जवलाा योजना लाभार्थियों को ₹400 का फायदा होगा क्योंकि उन्हें पहले से ₹200 सब्सिडी मिल रही है। देश में 9.6 करोड़ प्रधानमंत्री उज्जवलाा योजना के लाभार्थी है।

देखा जाए तो केंद्र सरकार के द्वारा दिया गया यह निर्णय गैस सिलेंडर उपभोक्ताओं के लिए फायदे का सौदा है। इस तरीके के तोहफे केंद्र सरकार को अपने उपभोक्ताओं को और अपने देश की जनता को देते रहने चाहिए जिससे कि लोग सरकार और कानून पर भरोसा रख सके विश्वास कर सके।

Friday, August 18, 2023

Global Water Scarcity: दुनिया की एक-चौथाई आबादी पर पानी का संकट, भारत समेत 25 देशों पर क्या होगा असर

 Global Water Scarcity

दुनिया की एक-चौथाई आबादी पर पानी का संकट, भारत समेत 25 देशों पर क्या होगा असर



Global Water Scarcity: आज के वक्त में पानी की कमी एक बेहद चिंताजनक बात हो गई है. इस समस्या से निपटने के लिए दुनिया के कई देश पानी को संरक्षित करने के लिए तरह-तरह के उपाय कर रहे हैं. पानी की कमी के वजह से दुनिया भर के कई क्षेत्र प्रभावित हो रहे हैं. इसके पीछे कई तरह कारण हैं. इनमें आबादी का बढ़ना, बड़े स्तर पर शहरीकरण होना, मॉर्डनाइजेशन, जलवायु परिवर्तन और पानी की अत्यधिक बर्बादी शामिल हैं. वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट के एक्वाडक्ट वॉटर रिस्क एटलस की एक नई रिपोर्ट के मुताबिक ग्लोबली हम लोग पानी की भारी किल्लत का सामना कर रहे हैं. इसके वजह से परिणाम काफी नुकसानदेह हो सकते हैं, जो समाज और पर्यावरण के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित कर सकते हैं.
400 करोड़ लोगों को पानी की दिक्कत
रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया की एक चौथाई आबादी के बराबर 25 देश वार्षिक जल तनाव से जूझ रहे हैं. ग्लोबली लगभग 4 बिलियन (400 करोड़) व्यक्ति सालाना कम से कम एक महीने पानी की किल्लत का सामना करने को मजबूर हैं. ये दुनिया की आधी आबादी के बराबर है. आने वाले साल 2050 में ये आंकड़ा बढ़कर 60 फीसदी तक हो जाएगा, यानी 50 करोड़. साल 2050 तक पूरी दुनिया का 70 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी पर पानी की कमी का असर देखने को मिलेगा, जो 31 फीसदी के बराबर होगा. ये आंकड़ा साल 2010 में 15 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी से 7 फीसदी ज्यादा है. ये पहले 24 फीसदी हुआ करता था.

भारत, मैक्सिको, मिस्र और तुर्की पर होगा असर
हर चार साल में जारी होने वाली इस रिपोर्ट के अनुसार साल 2050 में दुनिया के 4 देशों को अपनी जीडीपी पर आधे से अधिक का नुकसान पानी की कमी से होने वाला है. इनमें भारत, मैक्सिको, मिस्र और तुर्की शामिल होंगे. वहीं रिपोर्ट से पता चला कि दुनिया के 25 देश, जिनमें दुनिया की एक चौथाई आबादी शामिल है. वे लोग हर साल पानी की कमी के गंभीर समस्या से गुजरते हैं. इन देशों बहरीन, साइप्रस, कुवैत, लेबनान और ओमान पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है. ये क्षेत्र पानी की कमी की चपेट में आ सकते हैं और सूखा का सामना करना पड़ सकता है.
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Sunday, August 13, 2023

Har Ghar Tiranga 2023: हर घर तिरंगा अभियान रजिस्ट्रशन शुरू, अब हर घर लहराएगा तिरंगा

 Har Ghar Tiranga 2023: 

हर घर तिरंगा अभियान रजिस्ट्रशन शुरू, अब हर घर लहराएगा तिरंगा





हर घर तिरंगाअभियान 2023 के उद्देश्य

हर घर तिरंगाअभियान 2023 का मुख्य उद्देश्य भारत में एकता / अखंडता और देश के प्रति भक्ति की भावना को उजागर करना हैं। इससे भारत वर्ष में नयी पीढ़ियों में और भी ज्यादा देश भक्ति के प्रति विस्वास जागेगा। भारत सरकार की तरफ से अपील की गई है कि सभी देशवासी इस हर घर तिरंगा अभियान से जुड़कर भारतीय आजादी के 76वां स्वतंत्रता दिवस वर्ष का 15 अगस्त 2023 को सफल बनाने के लिए अपने-अपने घरों, शहरों, ऑफिस विद्यालय अस्पताल और निजी संस्थान जैसे जगहों से 13 अगस्त से 15 अगस्त 2023 तक तिरंगा लहरा कर हर घर तिरंगा अभियान के तहत अपना फोटो खींचकर हर घर तिरंगा अभियान की वेबसाइट पर अपलोड कर सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकते हैं। 



हर घर तिरंगा फहराने के नियम

भारतीय संस्कृति मंत्रालय ने हर घर तिरंगाअभियान 2023 के तहत घरों अपने-अपने घरों, शहरों, ऑफिस विद्यालय अस्पताल और निजी संस्थान जैसे जगहों पर झंडा पहराने के नियम बताये है है,  क्यूंकि झंडा को सम्मान के साथ पहराया जाना बेहद जरुरी है, अन्यथा यह अफमान झंडा का अपमान मन जाता है । इसीलिए हमें अपने घरों पर या फिर कहीं भी झंडा पहराने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत ही आवश्यक है।

  • तिरंगा हमें हमेशा सही क्रम में ही फहराना चाहिए, जिसमे हमें केसरिया रंग के पट्टी को सबसे ऊपर, इसके बाद सफ़ेद एवं फिर नीचे की ओर हरे रंग वाला भाग होना चाहिए।
  • झंडा फटा हुआ नहीं होना चाहिए, साफ होना चाहिए।
  • झंडा झुका हुआ / किसी की सलामी झुकना नहीं होना चाहिए।
  • तिरंगा / राष्ट्रीय ध्वज के साथ कोई दूसरा झंडा उसके बराबर या उससे ऊंचा नहीं पहराया जायेगा। और इसके अलावा ध्वजारोहण के ऊपर कोई फूल माला या इससे बना कोई प्रतीक सहित कोई दूसरी वस्तु राष्ट्रीय ध्वज से ऊपर नहीं रखी जाएगी।
  • किसी भी समारोह या उत्सव आदि में थाली या किसी अन्य तरीके से तिरंगे का इस्तेमाल सजावट के लिए नहीं किया जाएगा।
  • राष्ट्रीय ध्वज (तिरंगा) को नीचे (जमीन,फर्श) जमीन या पानी पर नहीं रखा जा सकता है। तिरंगा पहराते समय झंडा इनको स्पर्श नहीं करना चाहिए।
  • एक खंभे या डंडे पर जिसमे तिरंगा लगा है, उसमे अन्य कोई दूसरा झंडा नहीं लगा होना चाहिए।
  • देश के राष्ट्रीय ध्वज (तिरंगे) का उपयोग किसी प्रयोग ऐसी किसी ड्रेस के लिए नहीं किया जायेगा, जो कमर से नीचे पहनी जाती हो।https://miteshtutorialinfo.blogspot.com/2023/08/global-water-scarcity-25.html

Har Ghar Tiranga 2023 Certificate Download 

  • Har Ghar Tiranga 2023 Certificate Download करने के लिए सबसे पहले आपको Har Ghar Tiranga Official Website की ऑफिशियल वेबसाइट को ओपन करना है।

Sunday, August 6, 2023

Chandrayaan-3 Mission: चांद की कक्षा में पहुंचा चंद्रयान-3

 

Chandrayaan-3 Mission: चांद की कक्षा में पहुंचा चंद्रयान-3



Chandrayaan-3 Mission: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने बताया कि सब कुछ सही रहा तो चंद्रयान-3 चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ 23 अगस्त को करेगा.

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने  शनिवार (5 अगस्त) को बताया कि चंद्रयान-3 ने चंद्रमा की कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश कर लिया है. इसरो ने शुक्रवार (4 अगस्त) को बताया था कहा कि अंतरिक्ष यान को चंद्रमा की कक्षा में स्थापित करने की प्रक्रिया पांच अगस्त को शाम करीब सात बजे पूरी होगी. 
इसरो ने शुक्रवार को कहा कि चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान ने 14 जुलाई को प्रक्षेपण के बाद से चंद्रमा की लगभग दो-तिहाई दूरी तय कर चुका है. अब तक चंद्रयान-3 कक्षा में ऊपर उठाने की प्रक्रिया को पांच बार सफलतापूर्वक पूरा कर चुका है.

https://miteshtutorialinfo.blogspot.com/2023/07/blog-post_14.html
इसरो ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘चंद्रयान-3 सफलतापूर्वक चंद्रमा की कक्षा में स्थापित हो गया है. मिशन ऑपरेशंस कॉम्प्लेक्स (एमओएक्स), आईएसटीआरएसी (इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क), बेंगलुरु से इसे बढ़ाने का कमान दिया गया.’’
इसरो ने कहा कि अगला ऑपरेशन कक्षा घटाने का कार्य रविवार रात 11 बजे किया जाएगा. अंतरिक्ष एजेंसी ने उपग्रह से अपने केंद्रों को एक संदेश भी साझा किया, जिसमें लिखा था, ‘‘एमओएक्स, आईएसटीआरएसी, यह चंद्रयान-3 है. मैं चंद्र गुरुत्वाकर्षण महसूस कर रहा हूं.’’

Wednesday, August 2, 2023

पृथ्वी की कक्षा छोड़कर चांद की ओर रवाना chandrayaan-3

पृथ्वी की कक्षा छोड़कर चांद की ओर रवाना chandrayaan-3 

चंद्रयान 3 सफलता पूर्वक पृथ्वी की कक्षा से बाहर निकल गया है और अब चंद्रमा की ओर बढ़ रहा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने मंगलवार को यह जानकारी प्रदान करी। इसरो के मुताबिक अंतरिक्ष यान को पृथ्वी की कक्षा से ऊपर उठा कर चंद्रमा की ओर बढ़ाने की प्रक्रिया को मंगलवार तड़के अंजाम दिया गया। इससे chandrayaan-3 पृथ्वी की कक्षा से बाहर निकल कर   ट्रांस लूनर कक्षा में चला गया और चंद्रमा की कक्षा की ओर बढ़ने लगा। उसे और चंद्रमा की कक्षा तक पहुंचने में करीब 5 दिन लगेगें। अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा इसरो टेलिमेटरी ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क से chandrayaan-3 को चंद्रमा के करीब ले जाने की प्रक्रिया को अंजाम दिया गया। इसरो ने chandrayaan-3 ट्रांसफर कक्षा में प्रवेश करवाया। उसने कहा chandrayaan-3 ने 🌏 के आसपास अपनी कक्षाओं का चक्कर पूरा कर लिया है और वह अब चंद्रमा की ओर बढ़ रहा है। अगला कदम चंद्रमा है उसके चंद्रमा के करीब पहुंचने के बीच 5 अगस्त 2023 को प्रक्रिया को अंजाम देने की योजना है।

Tuesday, July 25, 2023

पुरुषों के मुकाबले कम जोखिम लेती हैं महिलाएं

 पुरुषों के मुकाबले कम जोखिम लेती हैं महिलाएं


पुरुषों की तुलना में महिलाएं कम जोखिम लेती हैं क्योंकि वह किसी भी नुकसान के प्रति अधिक संवेदनशील हैं। ब्रिटेन में हुए अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है। अध्ययन में यह भी पाया गया कि महिलाओं की तुलना में पुरुष काफी अधिक आशावादी होते हैं। जिससे वे जोखिम लेने के लिए तैयार रहते हैं। यह अध्ययन ब्रिटिश जनरल ऑफ साइकोलॉजी में प्रकाशित हुआ है।Affiliating Marketing अध्ययन में बताया गया कि पुरुषों की तुलना में महिलाएं कम जोखिम लेने की इच्छा रखती है। यूनिवर्सिटी ऑफ बाथ स्कूल ऑफ मैनेजमेंट   मे बिजनेस इकोनॉमिक्स के एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर ने कहा कि जोखिम लेने में लिंगों के बीच के अंतर से पता चलता है कि क्यों महिलाओं के उद्यमी होने की संभावना कम है। उच्च भुगतान वाली नौकरियों और उच्च प्रबंधन में उनका प्रतिनिधित्व कम है। इसके साथ ही इक्विटी बाजारों में उनके द्वारा अपने धन का निवेश करने की संभावना भी कम है।

पहली बार दिखाई दी थाईलैंड में नीले रंग की मकड़ी

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