Mitesh Tutorial Info: July 2023

Tuesday, July 25, 2023

पुरुषों के मुकाबले कम जोखिम लेती हैं महिलाएं

 पुरुषों के मुकाबले कम जोखिम लेती हैं महिलाएं


पुरुषों की तुलना में महिलाएं कम जोखिम लेती हैं क्योंकि वह किसी भी नुकसान के प्रति अधिक संवेदनशील हैं। ब्रिटेन में हुए अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है। अध्ययन में यह भी पाया गया कि महिलाओं की तुलना में पुरुष काफी अधिक आशावादी होते हैं। जिससे वे जोखिम लेने के लिए तैयार रहते हैं। यह अध्ययन ब्रिटिश जनरल ऑफ साइकोलॉजी में प्रकाशित हुआ है।Affiliating Marketing अध्ययन में बताया गया कि पुरुषों की तुलना में महिलाएं कम जोखिम लेने की इच्छा रखती है। यूनिवर्सिटी ऑफ बाथ स्कूल ऑफ मैनेजमेंट   मे बिजनेस इकोनॉमिक्स के एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर ने कहा कि जोखिम लेने में लिंगों के बीच के अंतर से पता चलता है कि क्यों महिलाओं के उद्यमी होने की संभावना कम है। उच्च भुगतान वाली नौकरियों और उच्च प्रबंधन में उनका प्रतिनिधित्व कम है। इसके साथ ही इक्विटी बाजारों में उनके द्वारा अपने धन का निवेश करने की संभावना भी कम है।

Friday, July 21, 2023

नींद कम आने से युवाओं को स्ट्रोक का ज्यादा खतरा

 नींद कम आने से युवाओं को स्ट्रोक का ज्यादा खतरा


जिन लोगों को नींद कम आती है या अनिद्रा की परेशानी होती है। उन्हें स्ट्रोक आने का खतरा ज्यादा होता है। एक अध्ययन में यह दावा किया गया है। 
अध्ययन के अनुसार अनिद्रा के कारण 50 वर्ष से कम आयु वाले लोगों खासकर युवाओं में स्ट्रोक आने का अधिक खतरा रहता है। यह शोध जनरल न्यूरोलॉजी में प्रकाशित हुआ। अध्ययन में 31000 लोगों का अवलोकन किया गया जिन्हें पिछले 9 वर्षों से स्ट्रोक का कोई इतिहास नहीं था। स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ाने वाले कारकों को नियंत्रित करने के बाद शोधकर्ताओं ने पाया कि अनिद्रा के लक्षण वाले लोगों में जोखिम 51% अधिक था।

Wednesday, July 19, 2023

चिंताजनक: भीषण गर्मी में खून गाढ़ा होने से दगा दे रहा दिल

 चिंताजनक: भीषण गर्मी में खून गाढ़ा होने से दगा दे रहा दिल


सर्दी ही नहीं गर्मी में भी दिल दगा दे रहा है। खून गाढ़ा होने के चलते एंजाइना पेन और हार्ड अटैक के मामले इस गर्मी मे तेजी से बढ़ रहे हैं। दिल्ली एम्स के डॉक्टर भी इससे चिंतित हैं। वह इसकी वजह पानी की कमी बता रहे हैं। गर्मी में ज्यादा पसीना बहने और वाषपीकरण के कारण शरीर में पानी और नमक की कमी हो जाती है। डिहाइड्रेशन से खून गाढ़ा हो जाता है और रक्त का थक्का जम जाता है। यह दिमाग और हृदय के अलावा शरीर के अन्य हिस्से में फंसकर रक्त का प्रवाह बाधित कर सकता है। कार्डियोलॉजी में 15 दिन के भीतर 179 मरीजों को एंजाइना पेन की शिकायत पर भर्ती किया गया। इनकी ह्रदय गति बाधित होने लगी थी। वही एक पखवारे से पहले सिर्फ 27 मरीज रिपोर्ट हुए थे। ऐसे मे मरीजों की संख्या में 20% इजाफा हुआ है।

Friday, July 14, 2023

आदर्श वजन की तुलना में मोटे लोग ज्यादा जीते हैं

 आदर्श वजन की तुलना में मोटे लोग ज्यादा जीते हैं


अधिक वजन को कई बीमारियों के जल्दी होने का कारण माना जाता है जिसके आधार पर अब तक यह निष्कर्ष निकाला जाता रहा है कि मोटे लोगों का जीवन कम होता है एक बड़े शोध में यह आश्चर्यजनक खुलासा हुआ है कि ज्यादा वजन वाले लोगों में आदर्श वजन वाले लोगों की तुलना में मृत्यु की आशंका साथकि ज्यादा वजन वाले लोगों में आदर्श वजन वाले लोगों की तुलना में मृत्यु की आशंका 7 फ़ीसदी तक कम रहती है यानी ऐसे लोग 7 फ़ीसदी अधिक जीते हैं।यह अध्ययन सामने आने के बाद बॉडी मास इंडेक्स यानी बीएमआई को लेकर दुनियाभर में नई बहस छेड़ने की संभावना है। क्योंकि इसी के आधार पर व्यक्ति को अधिक वजन वाला या मोटापे से ग्रस्त घोषित किया जाता है। यह शोध न्यू साइंटिस्ट जनरल में प्रकाशित हुआ है तथा नेचर ने भी इस पर एक रिपोर्ट जारी की है। विश्व स्वास्थ्य महासभा में तय किए गए मानकों के अनुसार जिन्हें करीब पूरी दुनिया में मान्यता है।

Wednesday, July 12, 2023

गर्म क्षेत्रों में देखने की क्षमता घटी (शोधकर्ताओं का दावा तापमान बढ़ने से रेटीना, कॉर्निया भी हो रहे प्रभावित)

 गर्म क्षेत्रों में देखने की क्षमता घटी 

(शोधकर्ताओं का दावा तापमान बढ़ने से रेटीना, कॉर्निया भी हो रहे प्रभावित)


जलवायु परिवर्तन से केवल मौसम ही असंतुलित नहीं हो रहा है, बल्कि इस बढ़ रहे तापमान से हमारा स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है। एक नए अध्ययन में आश्चर्यजनक तथ्य सामने आया है कि तापमान बढ़ने से हमारी आंखें तेजी से प्रभावित होती हैं और हमारे दृष्टिहीन होने का खतरा बढ़ रहा है। कनाडा के टोरंटो विश्वविद्यालय में यह अध्ययन किया गया है अध्ययन कर्ताओं ने अमेरिका के 50 राज्यों में 17 लाख लोगों पर सर्वे करके यह निष्कर्ष निकाला है की गर्म जलवायु वाले स्थानों पर रहने वाले लोगों में ठंडे स्थानों पर रहने वाले लोगों के मुकाबले देखने की क्षमता 50 फ़ीसदी अधिक कम होती जाती है, लेंस और रेटिना को ज्यादा प्रभावित करती है और साथ ही साथ आंखों में खुजली, संक्रमण जैसी परेशानियां भी होती हैं।

Thursday, July 6, 2023

गैजेट्स से बूढ़ी हो रही बच्चों और युवाओं की आंखें

 गैजेट्स से बूढ़ी हो रही बच्चों और युवाओं की आंखें


मोबाइल, टीवी और कंप्यूटर - लैपटॉप का लगातार इस्तेमाल करना बच्चों और युवाओं पर भारी पड़ रहा है। बार बार स्क्रीन एक्सपोजऱ के चलते आंखें मायोपिया, हाईपर मेट्रोपिया का शिकार हो रही है। चिंताजनक है कि 3 साल के भीतर इसका ग्राफ दोगुना हो गया है। जीएसवीएम मेडिकल के नेत्र विभाग की स्टडी में इसका खुलासा हुआ। है। नेत्र विभाग ने नवंबर 2022 से मई 2023 के बीच ओपीडी में आए 27190 मरीजों की जांच की इनमें 7808 यानी 26 फ़ीसदी रोगी ऐसे थे जिनकी आंखें समय से पहले कमजोर हो चुकी थी। इन्हें तुरंत चश्मा लगाया गया। 

विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना काल से पहले यह आंकड़ा 13% था। आंखों में मल्टीपल समस्या सामने आ रही हैं। अध्ययन में डॉक्टरों ने बीमार आंखों वाले 11 से 18 साल की उम्र वाले बच्चों और 18 से 40 साल वालों तक के युवाओं को लिया।

Monday, July 3, 2023

दावा : वाहनों के लगातार शोर से कम हो रही है इंसानों की उम्र

 दावा : वाहनों के लगातार शोर से कम हो रही है इंसानों की उम्र


जैसे-जैसे हम अपनी सुविधाओं में बढ़ोत्तरी करते जा रहे हैं वैसे वैसे हमारे ऊपर इनका नकारात्मक प्रभाव भी दिखाई पड़ रहा है। एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि कार, ट्रेनों और हवाई जहाजो से होने वाले ध्वनि प्रदूषण से हमारी उम्र कम हो रही है। हालांकि ध्वनि प्रदूषण से हमारे स्वास्थ्य पर होने वाले नुकसान को लेकर वैज्ञानिक पहले ही चेतावनी दे चुके हैंं। ब्रिटेन की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी में किए गए शोध में पता चला कि जो लोग लगातार ट्रेन, कार और हवाई जहाजों के शोर का सामना करते हैं। उनके अंदर नींद में कमी तनाव, अवसाद आदि परेशानियां बढ़ने लगती हैं। इतना ही नहीं इन लोगों में मधुमेह और दिल की बीमारियों का भी जोखिम बढ़ता जाता है। अध्ययन के दौरान इंग्लैंड के एक इलाके में परिवहन के साधनों से होने वाले शोर का लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव देखा गया है। साल 2018 में सड़क यातायात से होने वाले ध्वनि प्रदूषण की वजह से अच्छे स्वास्थ्य के एक लाख साल, ट्रेनों की आवाज की वजह से 13000 साल और हवाई जहाज के शोर से 17000 साल कम हो गए हैं। इतना ही नहीं शोधकर्ताओं ने कहा कि ध्वनि प्रदूषण वाले इलाकों में रहने से लोगों को मधुमेह, अवसाद और तनाव जैसी बीमारियों का शिकार होने का जोखिम भी बढ़ जाता है।


पहली बार दिखाई दी थाईलैंड में नीले रंग की मकड़ी

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