Mitesh Tutorial Info: June 2023

Friday, June 30, 2023

मोबाइल फोन दिमाग को कमजोर कर रहा

 मोबाइल फोन दिमाग को कमजोर कर रहा


मोबाइल फोन के अधिक इस्तेमाल से बच्चों की सेहत पर  गंभीर दुष्प्रभाव देखे गए हैं। अमेरिका के सैंपियन लैब्स की रिपोर्ट के अनुसार यदि आप बच्चों को कम उम्र में ही मोबाइल फोन दे रहे हैं। तो यह उनके संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है।
रिपोर्ट के आधार पर हुए अध्ययन के मुताबिक जितनी कम उम्र में बच्चों के हाथ में मोबाइल आएगा। मानसिक रोगों का खतरा उतना अधिक हो जाता है। अध्ययन के दौरान 18 से 24 साल वाले 28,000 लोगों के डाटा का इस्तेमाल किया गया। इसके अनुसार जिन लोगों ने बहुत ही कम उम्र में मोबाइल पर अधिक समय बिताना शुरू कर दिया था। उनमें मानसिक विकास और स्वास्थ्य से संबंधित दिक्कतें अधिक देखीे गई। सैंपियन लैब के मुख्य वैज्ञानिक डॉक्टर तारा त्यागराजन ने कहा कि यह पहली पीढ़ी है जो मोबाइल जैसी तकनीक के साथ किशोरावस्था से गुजरी है। 
रिपोर्ट के मुताबिक जिन पुरुषों ने 6 साल की उम्र में पहली बार स्मार्टफोन प्राप्त किया उनमें 18 साल की उम्र में स्मार्टफोन का इस्तेमाल शुरु करने वाले की तुलना में मानसिक विकारों के विकास का खतरा ६ फीसद था और महिलाओं में यह जोखिम करीब 20 फिसद अधिक था।

Thursday, June 29, 2023

बढ़ते ट्रैफिक से खराब हो रही बच्चों की त्वचा

 बढ़ते ट्रैफिक से खराब हो रही बच्चों की त्वचा


शहरो का बढ़ता ट्रैफिक सड़कों पर सफर करने वालों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। वही इससे होने वाले वायु प्रदूषण से लोगों को सांस से जुड़े लोगों को सांस से जुड़ी बीमारियों खतरा बना हुआ है। लेकिन अब अमेरिका में हुए एक नए अध्ययन में पाया गया है कि बढ़ते ट्रैफिक बच्चों की त्वचा के लिए भी खतरनाक साबित हो रहा है। 
अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि बढ़ते ट्रैफिक के कारण बच्चों को त्वचा सिकुड़ने के साथ कई तरह की परेशानियां होने लगी है। इस रोग को एटोपिक डर्मेटाइटिस कहते हैं। दरअसल ट्रैफिक की वजह से वातावरण में कई तरह की गैस वातावरण में फैल जाती हैं। जिनमें प्रदूषण का स्तर इस कदर बढ़ गया है कि बच्चों के अस्थमा के साथ त्वचा भी खराब हो रही है। इसमें त्वचा की बीमारियों से जूझ रहे 18 साल तक कै आयु के रोगियों की समीक्षा की गई।

Tuesday, June 27, 2023

खराब हवा में सांस ले रही भारत की 99% आबादी

 खराब हवा में सांस ले रही भारत की 99% आबादी


साफ हवा, भूमि और महासागर मानव स्वास्थ्य और पोषण के लिए महत्वपूर्ण है। लेकिन दुनिया भर की 94% आबादी साफ हवा मे सांस नहीं ले पा रही है क्योंकि हवा में पीएम 2.5 का स्तर काफी ज्यादा है।भारत की बात करें तो यहां 99 % आबादी खराब हवा में सांस ले रही है। यह खुलासा विश्व बैंक की नई रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में खराब हवा में रहने वाले 36% लोग भारत और चीन में रहते हैं। भारत में 1.6 अरब लोग असुरक्षित पीएम 2.5 कंसटेंशन के संपर्क में है। जिनमें से 1.33 अरब खतरनाक स्तर का सामना कर रहे हैं। चीन मे 1.41 अरब लोग वायु प्रदूषण के प्रभाव में हैं। जिनमें से 53% खतरनाक  स्तरों का सामना कर रहे हैं। विश्व बैंक की रिपोर्ट डिटॉक्स डेवलपमेंट में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर पांच में से एक मौत के लिए खराब वायु गुणवत्ता  जिम्मेदार है। जीवाश्म ईंधनो के उपयोग से  होने वाले वायु प्रदूषण से हर साल 70 लाख लोगों की समय से पहले मौत हो जाती है।

Sunday, June 25, 2023

इंसानों की उम्र घटा रहा ध्वनि प्रदूषण

 इंसानों की उम्र घटा रहा ध्वनि प्रदूषण


प्रदूषण का बढ़ता स्तर दुनिया के लिए तेजी से समस्या बनता जा रहा है वायु प्रदूषण से जहां कार्यक्षमता और स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है वही ध्वनि प्रदूषण की भी इंसानों के लिए घातक हो रहा हैं एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि दुनिया में बढ़ते शोर के कारण इंसान की उम्र कम हो रही है। शोधकर्ताओं के मुताबिक इस समस्या के बारे में लोगों को जानकारी तक नहीं है। न्यूयार्क में रहने वाले लोगों में ध्वनी  प्रदूषण से 10.2 महीने की औसत उम्र कम हो रही है। अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने पाया कि तेज हवाओं से व्यक्ति के शरीर में कई तरह के रसायन रिलीज होते हैं। इससे नर्वस सिस्टम प्रभावित होते हैं, जिससे दिल की गति बढ़ जाती है।


रात में देर तक जागना नशे की आदत को दे रहा दावत

 रात में देर तक जागना नशे की आदत को दे रहा दावत


नए शोध में दावा है कि जो लोग रात को देर तक जागते हैं,  उन्हें नशे की लत लग जाती है। इन बुरी आदतों के चलते सेहत खराब होती है और जल्दी मौत की आशंका 9 फीसदी बढ़ जाती है। यह अध्ययन फिनलैंड के शोधकर्ताओं ने किया है, इसके मुताबिक दिन में जागने वालों की तुलना में रात को जागने वाले लोग तंबाकू, सिगरेट, शराब का सेवन अधिक करते हैं। इन्हें नशे की आदत लग जाती है जो कि जान के लिए खतरनाक है।

Tuesday, June 13, 2023

लंबी अंतरिक्ष यात्रा का मस्तिष्क पर बुरा असर पड़ता है

 लंबी अंतरिक्ष यात्रा का मस्तिष्क पर बुरा असर पड़ता है


अंतरिक्ष का वातावरण मानव शरीर के लिए काफी मुश्किल होता है लंबे समय तक माइक्रोग्रैविटी की हालात दिमाग पर बुरा असर डालते हैं। नासा की ओर से अंतरिक्ष यात्रियों पर किए गए शोध में यह जानकारी सामने आई है अध्ययन में बताया गया है कि अंतरिक्ष में यात्रियों के दिमाग की उसको का आकार सिकुड़ने से उनकी सोचने समझने की क्षमता पर असर पड़ता है 


अध्ययन में बताया गया है कि अंतरिक्ष में यात्रियों के दिमाग की उतको का आकार सिकुड़ने से उनकी सोचने समझने की क्षमता पर असर पड़ता है। इसके साथ ही उन्हें चलने फिरने में परेशानी होती है नासा की ओर से यह भी बताया गया है कि अध्ययन में 30 अंतरिक्ष यात्रियों को शामिल किया गया इसमें अमेरिका कनाडा और यूरोप केइसमें अमेरिका कनाडा और यूरोपीय स्पेस एजेंसी के 23 पुरुष और 7 महिला अंतरिक्ष यात्री शामिल थे इनकी उम्र 47 वर्ष के आसपास थी। इनमें से आठ ने करीब 2 हफ्ते तक अंतरिक्ष की यात्रा की जबकि 18 ऐसे थे जो 6 महीने तक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर रहे चार ने वहां करीब 1 साल बताया 


नासा के विशेषज्ञों ने अंतरिक्ष यात्रियों का मस्तक स्कैन किया। इसके आधार पर कहा कि जो अंतरिक्ष यात्री 6 महीने से ज्यादा समय इंटरनेशनल स्कूलइसके आधार पर कहा कि जो अंतरिक्ष यात्री 6 महीने से ज्यादा समय इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन या नासा स्पेस शटल पर रहे हैंं उनके मस्तिष्क के बीच के हिस्से में पहला पाया गया

Monday, June 12, 2023

धरती के नीचे एवरेस्ट से 4 गुना बड़े पहाड़

 धरती के नीचे एवरेस्ट से 4 गुना बड़े पहाड़


पृथ्वी की गहराई में माउंट एवरेस्ट की तुलना में तीन से चार गुना अधिक ऊंचाई वाले पहाड़ हैं। अंटार्टिका स्थित भूकंप विज्ञान केंद्रों के डाटा का विश्लेषण कर वैज्ञानिकों ने इसका पता लगाया हैै। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक धरती के अंदर लगभग 2900 किलोमीटर की गहराई में कोर और मेंटल के बीच विशाल पर्वत श्रंखला मौजूद है। इन्हें भूमिगत पर्वत श्रृंखला या ultra-low Velocity zone कहा जाता है। 

यह पर्वत श्रृंखला अब तक विशेषज्ञों की नजरों में नहीं आई अब भूकंप और परमाणु विस्फोटों के डाटा ने उनकी मौजूदगी को पुख्ता कर दिया है। वैज्ञानिकों ने कहा जो पहाड़ जैसी संरचना दिखी हैं। वैज्ञानिकों ने कहा जो पहाड़ जैसी संरचना दिखी हैं वे पूरी तरह से रहस्यमई हैं। क्योंकि इनके बारे में अभी बहुत कुछ जानना बाकी हैं

Saturday, June 10, 2023

उपग्रह से ऊर्जा लेकर तैयार की गई बिजली

 उपग्रह से ऊर्जा लेकर तैयार की गई बिजली


दुनिया में पहली बार अमेरिका में उपग्रह से मिली उर्जा से बिजली तैयार की गई है। उपग्रह के जरिए वायरलेस तकनीक से यह ऊर्जा धरती पर भेजी गई। जिसे लैब में मौजूद कलेक्टर यंत्रों में जमा करके माइक्रोवेव एरे में बदल दिया गया। इस ऊर्जा का इस्तेमाल बिजली ट्रांसफर में किया जाता है। भविष्य में यह बिजली बनाने के लिए कोयले का विकल्प बन सकती है। 

कैलीफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और मेडिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर अली हाजीमि ने बताया कि इस काम के लिए "माइक्रोवेव एरे फॉर पावर ट्रांसफर लो आबिट एक्सपेरिमेंट" नाम का प्रोजेक्ट 2011 में शुरू किया गया था।इस प्रोजेक्ट के तहत माइक्रोवेव ट्रांसमीटर और कस्टम इलेक्ट्रॉनिक चिप लगे मेपल प्लेटफार्म  उपग्रह भेजे गए थे।यह ज्यादा सौर ऊर्जा से बिजली पैदा करके उसे धरती पर भेज रहे है। इसकी क्षमता हर दिन पूरे साल की बिजली तैयार करने की है।

क्या है मेपल प्लेटफार्म ?

मेपल प्लेटफार्म उपग्रह  लचीले, हल्के माइक्रोवेव ट्रांसमीटर होते हैं। इनके अंदर कस्टम इलेक्ट्रॉनिक चिप होते हैं। जिसके जरिए ज्यादा सौर ऊर्जा से बिजली पैदा करके उसे लहर के रूप में धरती पर भेजा गया है।

"2050 तक सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन में 45 फ़ीसदी तक की बढ़ोतरी हो जाएगी।"

Wednesday, June 7, 2023

जीवन और स्वास्थ्य पर भारी पड़ रहा असुरक्षित भोजन

 जीवन और स्वास्थ्य पर भारी पड़ रहा असुरक्षित भोजन


दुनिया भर में खराब और असुरक्षित भोजन खाने के कारण रोजाना औसतन 16 लोग बीमार होते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस बार खाध सुरक्षा दिवस की थीम खाध गुणवत्ता से जीवन सुरक्षित रखी है। इस मौके पर डब्ल्यू एच ओ ने बताया है कि असुरक्षित खाने से दुनिया भर में 5 साल से कम उम्र के 340 बच्चों की मौत रोजाना होती है। दुनिया भर में हर साल 50 लाख लोगों की मौत फूड पॉइजनिंग और उससे जुड़ी दूसरी बीमारियों के कारण होती है। संगठन का कहना है कि खराब खाना जीवन और स्वास्थ्य दोनों पर भारी पड़ रहा है। 

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार कम और मध्यम आय वाले देशों में असुरक्षित खाने के कारण उत्पादकता बुरी तरह प्रभावित होती है। स्वास्थ्य पर भी मोटी रकम खर्च होती है। सालाना 110 अरब डॉलर का नुकसान हो रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि तेजी से बढ़ती जनसंख्या के बीच खाद्य पदार्थों की मांग बढ़ेगी।

बच्चे उठा रहे बीमारियों का बोझ

डब्ल्यू एच ओे अनुसार दुनिया की आबादी में 5 साल से कम उम्र के बच्चों की भागीदारी नौ फ़ीसदी है। चिंता की बात यह है कि बच्चे अकेले दुनिया भर में खाने से होने वाली 40 फिसदी बीमारियों का बोझ अकेले उठाते हैं

क्या है असुरक्षित खानपान

1. खाना बनाने में बरती गई असावधानी और गंदगी स्वास्थ्य के 
     लिए खतरा
2. आधे अधूरे पका खाना खाने से फूड प्वाइजनिंग का जोखिम 
     ज्यादा है
3. खुले में रखा खाना खाने से भी बीमार होने की संभावना अधिक 
     है
4. खुले में बिकने वाला स्ट्रीट फूड सेहत के लिए सबसे ज्यादा 
     नुकसान देह है।
5. लंबे समय से रखा पैक वाला जूस और दूध भी सेहत के लिए 
     खतरनाक होता है

Tuesday, June 6, 2023

मुंह से सांस और खर्राटे ज्यादा लेने लगे बच्चे, ऐसा क्यों होता है?

 मुंह से सांस और खर्राटे ज्यादा लेने लगे बच्चे, ऐसा क्यों होता है?


खर्राटे केवल मोटे वयस्क और बुजुर्ग ही नहीं लेतेे। अब बच्चे भी खूब खर्राटे ले रहे हैं, वजह है कंठशूल (एडेनॉइड हाइपरट्रॉफी) इस बीमारी में बच्चों को सांस लेने में समस्या होती है। नाक बंद महसूस होती है तो वह मुंह से सांस लेने लगते हैं। नींद में उन्हें खर्राटे आने लगते हैं। ज्यादातर अभिभावक इसे बीमारी नहीं समझते, लेहाजा बच्चों को अस्पताल लाने में देर हो रही है। डॉक्टरों का कहना है कि बच्चा खर्राटे ले रहा हो तो अलर्ट हो जाएं डॉक्टर को दिखाएं लंबे समय तक एडेनॉइड संक्रमण में कान बहना शुरू हो जाता है। इसके बाद सर्जरी करनी पड़ सकती है। इसीलिए वक्त रहते बच्चों को डाक्टर को दिखाएं।

Saturday, June 3, 2023

Why don't satellites fall to the Earth?

 Why don't satellites fall to the Earth?



The chairs of flying swings do not fly away because of the long chains holding them. Similarly, satellites remain in their orbits because of the gravitational attraction of the Earth. At the same time they tend to 'fly' away from the Earth owing to its inertia. Finally, they a re shot off from the Earth with a large force. If this initial thrust is measured properly while launching the rocket, the satellite continues to move in an orbit around the Earth at the calculated speed.

Thursday, June 1, 2023

CBSE Supplementary Form 2023, Apply for Compartment Exams...

 CBSE Supplementary Form 2023, Apply for Compartment Exams.



CBSE Supplementary Form 2023: The Central Board Of Secondary Education (CBSE) is going to release application forms for the CBSE Supplementary Examination 2023 on 1st June 2023. Students who wish to improve their marks scored and are placed under compartment can fill out the CBSE Supplementary Form 2023 online at the official website www.cbse.gov.in. The last date to submit the CBSE Supplementary 2023 Application form is 15th June 2023. The CBSE Supplementary Examination for Classes 10 and 12 will be conducted on 17th July 2023. Read this entire article to know more details on CBSE Supplementary Form 2023, Exam date, and fee details....


CBSE Supplementary Form 2023

CBSE Result 2023 for Class 10 and 12 has been announced on 12th May 2023 at www.cbseresults.nic.in.This year, about 21,65,805 and 16,60,511 students have appeared in Class 10 and 12 Exams respectively and only 20,16,779 of Class 10th and 14,50,174 of Class 12th students managed to clear the CBSE Examinations 2023. The students who have failed in one or more subjects and wish to improve their scores can apply for Supplementary Exam 2023 from 1st June 2023. Candidates should note that the last date to submit their filled CBSE Supplementary Form 2023 is on 15th June 2023 after successful payment of the requisite fee.


CBSE Class 10 & Class 12 Supplementary Form 2023

The Board is going to release CBSE Supplementary Form 2023 for both Class 10 and Class 12 on 1st June 2023 at their official website www.cbse.gov.in. Some of the insights on the Supplementary form application dates have been tabularized below for the reference of the students.


CBSE Supplementary Form 2023
Exam Conducting Body  - Central Board Of Secondary Education (CBSE)
Exam Name                    - CBSE Supplementary Exam 2023
Category                    - Application form
CBSE Supplementary Form 2023 start                          - 1st June 2023
Last date to apply for CBSE Supplementary Exam 2023 - 15th June 2023
CBSE Supplementary Exam Date 2023                               - 17th July 2023
Official Website            -  www.cbse.gov.in



पहली बार दिखाई दी थाईलैंड में नीले रंग की मकड़ी

  पहली  बार दिखाई दी थाईलैंड में नीले रंग की मकड़ी href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhaxmWa3bYsdrXO...